Immune System

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रोग प्रतिरोधक क्षमता ढेर सारी  बीमारी से हमे सुरक्षित रखती है। ऐसे छोटे छोटे कई बीमारियां होती हैं जिनसे हमारा शरीर खुद ही निपट लेता है. 

अपने आसपास आप अकसर देखते होंगे कि कुछ लोग बार-बार बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं, जबकि कुछ पर मौसम की मार या संक्रमण वगैरह का भी ज्यादा असर नहीं होता।

हर जीवित शरीर में प्रकृति ने एक ऐसी व्यवस्था बनाई हुई है, जो उसे नुकसानदेह जीवाणुओं, विषाणुओं और माइक्रोब्स वगैरह से बचाती है। इसे ही रोगप्रतिरोधक शक्ति या Immunity कहा जाता है।

जिस व्यक्ति की इम्यूनिटी मजबूत है, उसके शरीर में रोगाणु पहुंचकर भी नुकसान नहीं कर पाते, लेकिन जिसकी इम्यूनिटी कमजोर हो गई हो, वह जरा-से मौसमी बदलाव में भी रोगाणुओं के आक्रमण को झेल नहीं पाता है

शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता कैसे काम करती है।


जब बैक्टीरिया Bacteria जैसे रोगाणु शरीर में आते हैं, तो वे हमला करते हैं और बढ़ जाते हैं।
बैक्टीरिया या वायरस Virus के इस आक्रमण को एक संक्रमण के रूप में जाना जाता है जो शरीर में बीमारी का कारण बनता है।

हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली संक्रमण से लड़ने के लिए विभिन्न उपकरणों का उपयोग करती है।

रक्त में लाल रक्त कोशिकाएं (RBC) होती हैं जो शरीर के ऊतकों और अंगों के कई हिस्सों में ऑक्सीजन ले जाती हैं, और सफेद रक्त कोशिकाएं (WBC) जिन्हें प्रतिरक्षा कोशिकाएं (Immune Cells) भी कहा जाता है, संक्रमण से लड़ने में मदद करती हैं।

सफेद रक्त कोशिकाओं  निम्नलिखित अवव्य होते हैं

मैक्रोफेज (Macrophages)-

ये कीटाणु, और मरने वाली कोशिकाओं को निगलती हैं और पचाती हैं. ये आक्रमण करने वाले कीटाणुओं  को पीछे छोड़ते हैं जिन्हें एंटीजन के रूप में जाना जाता है. परिणामस्वरूप शरीर एंटीजन को खतरनाक रूप में पहचानता है और उनसे लड़ने के लिए एंटीबॉडी को उत्तेजित करता है।

बी-लिम्फोसाइट्स (B-lymphocytes)-

यह मूल रूप से वे मैक्रोफेज द्वारा पीछे छोड़ दिए गए एंटीजन पर हमला करने के लिए एंटीबॉडी का उत्पादन करते हैं।

टी-लिम्फोसाइट्स (T-lymphocytes)-

यह एक अन्य प्रकार के रक्षात्मक सफेद रक्त कोशिका हैं. इनका काम उन कोशिकाओं पर हमला करना है जो पहले से ही शरीर में संक्रमित हैं।

शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को कैसे बढ़ाएं

शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को कैसे बढ़ाएं इसे जानने से पहले हमें समझना होगा कि शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता किन कारणों से  कम हो जाती है। 

सफेद रक्त कोशिकाएं खून में हमेशा गश्त करती रहती हैं और ज्यादातर समय बाहरी आक्रमणकारियों की खोज करती रहती है ताकि शरीर की उनसे सुरक्षा की जा सके। 

लेकिन ऐसी कई बीमारियो के कारण सफेद रक्त कोशिकाओं की कार्यपद्धति प्रभावित होती है।

इसके अलावा कुछ दवाइयां भी हैं जो आपके रोगों से लड़ने की क्षमता और प्रतिरक्षा तंत्र को कमजोर करती हैं।

इतना ही नहीं आपकी बढ़ती उम्र भी इम्यून सिस्टम को कमजोर बनाती है

जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है उन्हें अपनी लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करने के साथ ही कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए जैसे-

1. कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोग हमेशा स्वस्थ रहें इसके लिए बेहद जरूरी है कि वे साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें

2. अगर किसी व्यक्ति का इम्यून सिस्टम कमजोर है तो उन्हें किसी भी तरह के इंफेक्शन से पीड़ित या बीमार व्यक्ति के बेहद नजदीक जाने से बचना चाहिए।

3. तनाव के कारण भी व्यक्ति के इम्यून सिस्टम को कमजोर बना देता है, लिहाजा अपने तनाव को मैनेज करना और कंट्रोल करना भी बेहद जरूरी है। तनाव को कंट्रोल करने के लिए योग करें, मेडिटेशन करें, मसाज करवाएं, अपनी पसंदीदा हॉबीज को समय दें

4. नींद की कमी की वजह से इम्यून सिस्टम का सबसे अहम हिस्सा- सफेद रक्त कोशिकाओं के सामान्य उत्पादन में कमी आती है। सीडीसी की मानें तो वयस्कों के लिए रोजाना रात में कम से कम 7 घंटे की नींद बेहद जरूरी है। वहीं बच्चों के लिए उनकी उम्र के हिसाब से 8 से 17 घंटे की नींद जरूरी है।

5. जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर हो उन्हें अपनी डायट में फल और सब्जियों को अधिक मात्रा में शामिल करना चाहिए ताकि उन्हें भरपूर मात्रा में पोषक तत्व प्राप्त हो सकें। इसके अलावा कच्चे या कम पके हुए मांस, मछली और अंडे का सेवन न करें, पास्चरीकृत डेयरी प्रॉडक्ट्स का ही सेवन करें, फल और सब्जियों को खाने से पहले उन्हें अच्छी तरह से धोकर साफ कर लें।

6.  रोज एक्सरसाइज करने से भी आपका शरीर स्वस्थ रहता है। एक्सरसाइज करने के दौरान एन्डॉर्फिन हार्मोन रिलीज होता है जिससे स्ट्रेस लेवल में कमी आती है। 

Immune system को बढ़ाने के लिए आप विटामिन-A , विटामिन-D, विटामिन-C, विटामिन-E, आयरन, फॉलिक एसिड, जिंक युक्त भोजन में या सप्लीमेंट का प्रयोग करें।










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