Basic Concept of LCM and HCF

Basic Concept of LCM and HCF

Basic Concept of LCM and HCF


LCM- वह सबसे छोटी संख्या जो दो या दो से अधिक संख्याओं से पूर्णत विभाजित होती है उन संख्याओं का LCM कहलाती है उदाहरण 4, 6, 8 और 24 का ल. स. 24 होगा क्योंकि 24 एक न्यूनतम संख्या है जो दी हुई संख्याओं से पूर्ण विभाजित है 

किन्ही दो या दो से अधिक संख्याओं का  LCM उन संख्याओं में सबसे बड़ी संख्या के बराबर या उससे बड़ी होती है तथा उन सभी संख्याओं से पूर्णत विभाजित होती है

जैसे 4, 6, 8और 24 का लघुत्तम समापवर्त्य (LCM) 24 है जो की सबसे बड़ी संख्या 24 के बराबर है तथा 4, 6, 8और 24 से पूर्णतः विभाजित है।



हमें किन्हीं दो या दो से अधिक संख्याओं का LCM निकालना हो तो सबसे पहले उन सभी संख्याओं का table लिख ले तथा उसके बाद  टेबल में से जितने भी कॉमन संख्या है सब को एक जगह लिख ले उन सभी कॉमन  संख्याओं में जो सबसे छोटी संख्या होगी वही उन सभी संख्याओं का LCM होगी।

लघुत्तम समापवर्तक (LCM) ज्ञात करने की विधियां 


(I) अभाज्य गुणनखंड विधि - इस विधि में सर्वप्रथम दी गई संख्याओं को बारी-बारी से अभाज्य गुणनखंड के रूप में बदल दिया जाता है फिर उसे अभाज्य संख्याओं के घात power के रूप में परिवर्तित किया जाता है पुनः सभी संख्याओं के गुणनखंड में सभी अभाज्य संख्याओं के अधिकतम घात की संख्या को गुणा करके प्राप्त किया जाता है 

उदाहरणार्थ 9, 12, 15 और 25 का LCM निम्नलिखित तरीके से ज्ञात किया जा सकता है

9=3x3=3^2

12=2x2x3=2^2x3

15=3x5

25=5x5=5^2

इस प्रकार LCM=3^2x2^2x5^2=9x4x25=900


(ii) दूसरी विधि - दी गई संख्याओं का LCM निकालने की अन्य विधियां हैं जो अपेक्षाकृत अधिक प्रचलित है इस विधि के अंतर्गत सर्वप्रथम संख्याओं को एक पंक्ति में लिखा जाता है तत्पश्चात उसमें विभिन्न अंको से भाग दिया जाता है भाग देते समय इस बात को ध्यान में रखना चाहिए कि कम से कम 2 संख्या विभाजित हो यह क्रिया अंत तक दूहराते हैं फिर सभी भाजक और अंतिम पंक्ति की संख्याओं को लेकर गुणा करने से प्राप्त संख्या ही दी गई संख्या का LCM होता है उदाहरण 36, 48, 80 तथा 96 का LCM निम्नलिखित तरह से ज्ञात किया जाता है


          2    36   48   80  96
          2    18  24   40   48
          2     9   12    20   24
          2     9    6      10   12
          3     9    3       5     6
                  3    1       5      2

अतः LCM 2x2x2x2x2x3x3x5=1440


HCF - दो या दो से अधिक संख्याओं का HCF वह अधिकतम संख्या होती है जिसके द्वारा दी गई संख्या पूर्णता विभाजित हो जाती है 

उदाहरणार्थ 21, 28 तथा 35 का HCF 7 है क्योंकि 7  वह अधिकतम संख्या है जिसके द्वारा दी गई संख्याए पूर्णत: विभाजित हो जाती हैं 


किन्ही दो या दो से अधिक संख्याओं का HCF उन दी गई सभी संख्याओं में से सबसे छोटी संख्या के बराबर या उससे भी छोटी होती है तथा उन दी गई सभी संख्याओं को पूर्णत: विभाजित करती है जैसे  21, 28 तथा 35 का HCF 7 है तथा 7 उनमें से सबसे छोटी संख्या 21 से भी छोटी है तथा सभी को पूर्णतः विभाजित भी कर सकती है।


महत्तम समापवर्तक (HCF) ज्ञात करने की विधियां 


(I) अभाज्य गुणनखंड - इस विधि के अंतर्गत सर्वप्रथम दी गई संख्याओं को अभाज्य गुणनखंड के रूप में व्यक्त किया जाता है तत्पश्चात उसे अभाज्य संख्याओं के घात power के रूप में लिखा जाता है वे संख्याएं जो सभी संख्याओं के गुणनखंड में उभयनिष्ठ common होती हैं अर्थात सभी में होती हैं वह संख्या ही दी गई संख्या का HCF कहलाती है।

उदाहरणार्थ 24, 40 तथा 64 का HCF निम्नलिखित तरीके से ज्ञात किया जाता है

24=2x2x2x3=2^3 x3

40=2x2x2x5=2^3 x5

64=2x2x2x2x2x2=2^6

यह common संख्या 2^3 जो सभी में है अतः HCF=2^3=8 होगा।


(ii) भाग विधि - इस विधि के अंतर्गत सबसे पहले जो संख्या दी गई है उसमे से कोई दो संख्याएं लेकर बड़ी संख्या को छोटी संख्या से भाग देते हैं जो शेष आता है उससे प्रथम भाजक में भाग देते हैं पुनः जो शेष आता है  उससे द्वितीय भजक में भाग देते हैं यह क्रिया तब तक जारी रहती है जब तक कि अंतिम शेष शून्य नहीं आ जाता इस प्रकार सबसे अंतिम भाजक ही दी गई संख्याओं का HCF होता है 156, 221, 364 का HCF  निम्नलिखत तरीके से ज्ञात किया जा सकता है


156)221(1                         13)364(28
        156                                  26
            65)156(2                     104
                  130                        104
                     26)65(2                X
                           52
                            13)26(2
                                  26
                                    X
 अतः HCF=13

(iii) दो या दो से अधिक संख्याओं का HCF अन्य विधि से भी ज्ञात किया जा सकता है इस विधि में दी गई संख्याओं की एक पंक्ति में लिखा जाता है तत्पश्चात एक ऐसी संख्या से भाग दिया जाता है जो सभी संख्याओं को विभाजित कर सके प्राप्त भागफलों को फिर ऐसी संख्या से भाग दिया जाता है जिससे सभी संख्या विभाजित हो जाए। पुनः प्राप्त संख्या यदि किसी संख्या से पूर्णतः विभाजित है तो पुनः भाग दिया जाना चाहिए यदि ऐसा नहीं है तो अब तक के भागों का गुणनफल ही दी गई संख्याओं का HCF होगा। 

उदाहरण 24, 36, 60 और 108 का HCF  निम्नलिखित तरीके से ज्ञात किया जा सकता है


            4     24  36   60   108
            3     6     9     15    27

अतः HCF=4x6=12

दो संख्याओं तथा उनके LCM और HCF के बीच संबंध 


यदि दो संख्याएं A तथा B है और उनके LCM तथा HCF क्रमशः L तथा H हैं तब- A x B = L x H होगा।


LCM तथा HCF पर कुछ महत्वपूर्ण Concept


(i) दो या दो से अधिक संख्याओं के LCM में उन संख्याओं से पूर्णत: भाग लगता ही है LCM के  मल्टीपल भी उन संख्याओं से पूर्णत विभाजित होती है 

जैसे 6 और 8 का LCM 24 है अतः 24,  6 व 8 से  पूर्णतः विभाजित  है ही 24 का कोई भी multiple भी 6 और 8 से पूरा विभाजित होगा।

(ii) दो संख्याओं का HCF तथा उन संख्याओं के योग और उनके LCM का HCF दोनों समान होता है

जैसे- संख्या 16 और 12 का HCF=4 तथा LCM=48

संख्या 16 और 12 का योग=28

अतः संख्या का योग 28 तथा संख्या का LCM 48 ka HCF भी 4 ही होगा।

(iii) यदि 2 या उससे अधिक संख्याओं के HCF से उन संख्याओं में भाग दिया जाए तो भागफल परस्पर अभाज्य संख्या (Prime Number) प्राप्त होती है

(iv) दो संख्याओं का HCF उन संख्याओं के योग अंतर तथा उसके किसी भी गुणज Multiple की संख्याओं के योग तथा अंतर का भी HCF होता है

सत्यापन:- 

माना दो संख्याएं P तथा Q हैं जिनका HCF, H हैं।

अतः P = H x a तथा Q = H x b जहा a तथा b कोई भी अभाज्या संख्या हो सकती है 

P+Q = Ha+Hb = H(a+b)

अतः HCF , H हुआ। इसी प्रकार अंतर तथा उनके मल्टीपल के अंतर या योगफल का भी सत्यापन किया जा सकता है।

अतः सब मिलकर आपको यह समझना है की संख्या का HCF वही होगा जो उनके योग तथा अंतर का HCF हैं।

maths के इस editorial में आज हम लोगो ने HCF तथा LCM के Concept को समझा यदि आपको  यह अच्छा लगा हो तो अपने दोस्तो में शेयर करना ना भूले।






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