What is Vaccine in hindi

What is Vaccine in hindi

What is Vaccine in hindi


जीवों के शरीर का प्रयोग करके बनाया गया द्रव्य है जो किसी व्यक्ति के शरीर में किसी रोग या बीमारी से लड़ने की क्षमता बढ़ा देता है यानी किसी व्यक्ति के Immune System को  बढ़ा देता है। वैक्सीन दो प्रकार का होता है 

जीवाणुजन्य वैक्सीन (Bacteria Causes Vaccine)

जैसे-विपूचिका का वैक्सीन, टाइफाइड का वैक्सीन, प्लेग का वैक्सीन, क्षयरोधी वैक्सीन, टाइफस का वैक्सीन, कुक्कुरखाँसी का वैक्सीन, डिप्थीरिया का वैक्सीन, टेटनस का वैक्सीन, 

विषाणुजन्य  वैक्सीन (Virus Causes Vaccine)

जैसे- Rabies का वैक्सीन, इंफ्लुएंजा का वैक्सीन, पोलियो का वैक्सीन, पीतज्वर का वैक्सीन, चेचक का वैक्सीन, कोरोनावायरस का वैक्सीन  Coronavirus vaccine

पहली Vaccine कब बनी थी?

दुनिया में  पहली बार चेचक नामक बिमारी के टीके की खोज 1796 में अंग्रेज चिकित्सक एडवर्ड जेनर ने किया था। 

बाद प्रसिद्ध फ्रेंच वैज्ञानिक लुई पाश्चर ने रेबीज के टीके का सफल परीक्षण किया. 

Vaccine कैसे बनती है? 

जब कोई रोगजनक वायरस या बैक्टीरिया शरीर में प्रवेश करता है तब उसका मुकाबला हमारे रक्त में मौजूद व्हाइट ब्लड सेल्स (WBC) से होता है

WBC में उपस्थित टी-लिम्फोसाइट्स और बी-लिम्फोसाइट्स एंटीबाडीज उत्पन कर उस बैक्टीरिया या वायरस को नष्ट कर देता है।

एक बार जब संक्रमण खत्म हो जाता है, तो शरीर "मेमोरी" आपूर्ति को याद रखता है और परिणामस्वरूप टी-लिम्फोसाइट्स और बी-लिम्फोसाइट्स याद रखते हैं कि भविष्य में बीमारी से कैसे लड़ना है।

ठीक इसी तरह वैक्सीन या टीका बनाने के लिए वायरस या वैक्टीरिया को किसी केमिकल से पहले कमजोर कर देते हैं जिससे उसकी बीमारी फैलाने की क्षमता कम हो जाती है फिर कमजोर करने के बाद उसको  किसी जीव के शरीर में इंजेक्ट कर देते हैं ।

फिर प्रतिरक्षा प्रणाली उसी तरह से प्रतिक्रिया करती है जिस तरह से यह एंटीबॉडीज पैदा करके बीमारी पर आक्रमण करेगी। 
अब एंटीबॉडी टीके के कीटाणुओं को नष्ट कर देते हैं, जैसा कि वे एक प्रशिक्षण अभ्यास की तरह रोग के कीटाणुओं के साथ करते हैं
फिर वे शरीर में रहते हैं और इम्युनिटी प्रदान करते हैं
यदि कोई व्यक्ति कभी भी वास्तविक बीमारी के संपर्क में आता है, तो उसकी रक्षा के लिए एंटीबॉडी होते हैं।

कैसे काम करती है Vaccine?

टीके या वैक्सीन शरीर मे प्रतिरक्षा प्रणाली या इम्यून सिस्टम को विकसित करने में मदद करते हैं जो कि संक्रमण से लड़ते हैं।

इस प्रकार के संक्रमण के कारण कभी भी फिर से बीमारी नहीं होती है, लेकिन यह प्रतिरक्षा प्रणाली को टी-लिम्फोसाइट्स और एंटीबॉडी का उत्पादन करने का कारण बनता है।

कभी-कभी टीका लगने के बाद बुखार या शरीर में दर्द जैसे लक्षण हो सकते हैं 
इस तरह के लक्षण सामान्य हैं क्योंकि शरीर प्रतिरक्षा प्रणाली या इम्यूनिटी बनाता है।

लेकिन बी-लिम्फोसाइट्स का उत्पादन करने में शरीर को कुछ सप्ताह लगते हैं इसलिए, यह संभव है कि एक व्यक्ति टीकाकरण से ठीक पहले या उसके ठीक बाद किसी बीमारी से संक्रमित हो जाए, तो उसमें लक्षण विकसित हो सकते हैं और बीमारी हो सकती है क्योंकि वैक्सीन को सुरक्षा प्रदान करने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिलेगा.


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